28 जन॰ 2018

खैल की मंडी

मंच सजा
बोलियां लगी
ये बिका
वो बिका
उसे इसनें खरीदा
इसे उसने खरीदा
कला बिक गई
खैल बिक गया

बोली लगी
अमीरों ने लगाई
कौन बिका
कौन रह गया
गरीबों नें तालियां बजाई

किसी को ढैला ना मिला
कही पैसों की बरसात हो गई
बिकना भी अब यहां
सम्मान की बात हो गई

क्या मेरी टीम
क्या तेरी टीम
सब पैसों का खैल है
निचोड़ रहे है जो
बस गरीबों का ही तेल है
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दहशत है मोहल्ले मोहल्ले

दहशत है फैली हर शहर मोहल्ले मोहल्ले
नफरत भरी गलियां देखो इन हुक्मरानों की

धर्म की बड़ी दीवार खड़ी है चारों और यहाँ
जानवर निशब्द है औकात नहीं इन्सानों की

जद में आएंगे ना जाने कितने 'चन्दन' व 'अकरम'
ज़िंदा तो ! मगर तुम पर भी हैं नजर हैवानों की

25 जन॰ 2018

पापा की परियां

कंधो पर झूलती बेटियों की किलकारियां
शरारत से जेब से सिक्के चुराती तितलियां
लेटे हुऐ बाप पर छलांग लगाती शहजादियां
टांगों पर झूले झूलती यह जन्नत की परियां

सोचता हूं बार बार सोचता हूं
बाप बेटियों को कितना प्यार करता होगा
सुबह सुबह जब काम के लिये निकलता होगा
दिल में नामालूम सी कसक तो रखता होगा
उसके जहन में ख्यालात कहर मचाते होंगे
सुबह देर तक सोई बेटी के माथे को चूमना
जल्द उठने पर उसको साथ पार्क ले जाना
कभी उदास मन से बालकनी में तन्हा छोड़ जाना

बाप कितना प्यार करता होगा आखिर कितना ?
वक्त ही कितना होता है कितनी तेज है जिंदगी
वो रुकना चाहता है लेकिन वो रुक नहीं सकता
कभी कभी तो गली के नुक्कड़ से मुड़ते हुऐ
एक नजर डालने के लिये भी वो रुक नहीं सकता
उसे जाना होता है फिर लौट आने के लिये,

22 जन॰ 2018

पकोड़ा

जिस तरह की चर्चा चल रही है
उससे लगता है जल्द ही पकोड़े बेचना भी
"राष्ट्रीय रोजगार योजना" में शामिल हो जायेगा
शायद कानून भी बन जाये आखिर मसला रोजगार का है
बेरोजगार इंजीनियर पकोड़े की डिजायन बनाऐंगे
IIT वाले पकोड़े की नई तकनीक इजाद करेंगे
स्कूलों में पकोड़ों पर बाकायदा पाठ पढाया जायेगा
पकोड़ा और पकोड़ी में भेदभाव करनें वालों के खिलाफ
सख्त कार्यवाही होगी
दुकान लगाकर पकोड़े बेचनें पर GST लगेगी,
ठेला लगाकर गली मोहल्लों में पकोड़े बेचने पर GSTकी छूट रहेगी,
बड़े पकोड़े बेचनें की अधिकार सिर्फ वैज्ञानिकों के पास होगा
डॉक्टर पर्ची में अपनी क्लिनिक के पकोड़े ही लिखेगा
कुछ रीज्यों में तो शायद पकोड़ा कार्ड भी बन जाये
हर नुक्कड़ पर पकोड़े की दुकानें नजर आयेंगी
देश GDP को एक नई राह मिलेगी
TV पर शाम को डिबेट होगी
ऐंकर मुद्दा उठायेगा की जब सरकार नें पकोड़े का साईज तय कर दिया है तो फिर मुसलमानों नें पकोड़ा बड़ा क्यों बनाया
बहस में बैठे पंडित का भी इलजाम होगा की मुसलमानों का पकोड़ा हमारे पकोड़े से बड़ा क्यों है,
सरकारी प्रवक्ता कहेगा की हमारा पकोड़ा राष्ट्रवादी है
हम तुम्हारे पकोड़े को बर्दास्त नहीं करेंगे
युवाओं में जौश होगा भांत भांत के पकोड़े नजर आयेंगे
सबसे ज्यादा नुक्सान होगा बैचारी पकोड़ी का
क्योंकी सिर्फ पकोड़े को योजना में शामिल किया है पकोड़ी को नहीं,
और फिर बनेगी "पकोड़ी सेना" तोड़ फोड़ होगी
जल्द से जल्द पकोड़ी को भी योजना में शामिल करनें के लियें आंदोलन होगा।
लेकिन बैचारा किसान यहां भी बदकिस्मत ही रहेगा
..
इसलिये रोजगार और विकास गया भाड़ में
बस "पकोडे़ खाओ पकोडे़"
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19 जन॰ 2018

तेरा बाबा

बूढे बाबा का जब चश्मा टूटा
बोला बेटा कुछ धुंधला धुंधला है
तूं मेरा चश्मां बनवा दे,
मोबाइल में मशगूल
गर्दन मोड़े बिना में बोला
ठीक है बाबा कल बनवा दुंगा,
बेटा आज ही बनवा दे
देख सकूं हसीं दुनियां
ना रहूं कल तक शायद जिंदा,
जिद ना करो बाबा
आज थोड़ा काम है
वेसे भी बूढी आंखों से एक दिन में
अब क्या देख लोगे दुनिया,
आंखों में दो मोती चमके
लहजे में शहद मिला के
बाबा बोले बेठो बेटा
छोड़ो यह चश्मा वस्मा
बचपन का इक किस्सा सुनलो
उस दिन तेरी साईकल टूटी थी
शायद तेरी स्कूल की छुट्टी थी
तूं चीखा था चिल्लाया था
घर में तूफान मचाया था
में थका हारा काम से आया था
तूं तुतला कर बोला था
बाबा मेरी गाड़ी टूट गई
अभी दूसरी ला दो
या फिर इसको ही चला दो
मेने कहा था बेटा कल ला दुंगा
तेरी आंखों में आंसू थे
तूने जिद पकड़ ली थी
तेरी जिद के आगे में हार गया था
उसी वक्त में बाजार गया था
उस दिन जो कुछ कमाया था
उसी से तेरी साईकल ले आया था
तेरा बाबा था ना
तेरी आंखों में आंसू केसे सहता
उछल कूद को देखकर
में अपनी थकान भूल गया था
तूं जितना खुश था उस दिन
में भी उतना खुश था
आखिर "तेरा बाबा था ना"

13 जन॰ 2018

मीडिया

दिन भर की मेहनत और भाग दौड़ के बाद
गनीमत है की आप शाम को सही सलामत घर पहुँच गए होंगे

अब देश के हालात जानने के लिए टीवी खोल लीजिये 

चेंनल नंबर 1 
यह चैनल आपको दिखा रहा है की पाकिस्तान और चीन को कैसे सबक सिखाया जा रहा है,
और यहाँ बगदादी चारों तरफ से घिर चूका है

क्या हुआ  ? संतुष्ट नहीं हुए तो चलिए चैनल बदल लीजिये

चैनल नंबर 2
यहाँ आपको अमेरिका और किम जोंग के सारे प्लान बताये जा रहे है
जरा ध्यान से सुनते रहिये फ्यूचर में यह प्लान शायद आपके काम आएंगे

अब भी आपको अगर सुकून नहीं है तो अगले चैनल पर चलिए

चैनल नंबर 3
यहाँ पर हिन्दू मुस्लिम के अधिकारों की बहस हो रही
तलाक और गाय का यहां पर कब्जा है  मुल्लां और पंडित अपने अपने धर्म की ठेकेदारी कर रहे है,

क्या सोच रहे हो ? देश के हालत जानने के लिए टीवी खोला था आगे चलिए बताते है

चैनल नंबर 4
यहाँ पर अदालत लगी है ऐंकर ही वकील है और ऐंकर ही जज है
ध्यान से सुनते रहिये कुछ ही देर में यहाँ पर किसी न किसी को देशद्रोही ठहरा दिया जायेगा

क्या हुआ गुस्सा आ रहा है ?
गुस्से को काबू में रखिये जनाब वरना ऐंकर टीवी से बहार निकल आएगा

देश में क्या चल रहा है यह तो अब आप जान ही चुके होंगे
टीवी बंद कर दीजिये और सुकून से सो जाईये
कल फिर आपको दो जून  की रोटी की तलाश में निकलना होगा

8 जन॰ 2018

बूढ़ा इंतज़ार

उस टीन के छप्पर मैं
पथराई सी दो बूढी आंखें

एकटक नजरें सामने
दरवाजे को देख रही थी

चेहरे की चमक बता रही है
शायद यादों मैं खोई है

एक छोटा बिस्तर कोने में
सलीके से सजाया था

रहा नहीं गया पूछ ही लिया
अम्मा कहाँ खोई हो

थरथराते होटों से निकला
आज शायद मेरा गुल्लू आएगा

कई साल पहले कमाने गया था
बोला था "माई'' जल्द लौटूंगा

आह : .कलेजा चीर गए वो शब्द
जो उन बूढ़े होंठों से निकले।